वीडियो प्रतिलेखन
जब सूर्यास्त का समय आ जाता है तो छाया धुंधली रोशनी के साथ मिल जाती है.
एक दुर्लभ दृश्य सामने आता है.
शाम को पीछे हटने वाले दिन के फूलों के विपरीत, जीवन के हमारे जादुई फूल प्रकृति के सम्मेलन का विरोध करते हैं.
वे झाडू को जनजाति की आवाज के जागृत होने का बेसब्री से इंतजार है।.
शाम की पहली फुसफुसाहट जीवन के पथों को हिला देती है।.